आजकल पूरी दुनिया में इस्लाम का मतलब जिहाद और आतंकवाद से जोड़ा जाता है। इस बात को समझने के लिए मैंने सोचा, कोई राय बनाने से पहले क्यूँ न एक बार क़ुरआन पढ़ लिया जाए। मैंने क़ुरआन पढ़ा तो पाया कि इस्लाम में तो आतंकवाद की कोई जगह ही नहीं है। और क़ुरआन सिर्फ़ मुसलमानों के लिए नहीं है। ये तो पूरी दुनिया को प्यार और मुहब्बत से एक अच्छी ज़िन्दगी गुज़ारने की नसीहत देता है। फिर ये ग़लतफ़हमी क्यूँ है? इसी ग़लतफ़हमी को दूर करने के लिए ये पॉडकास्ट बनाया गया है। इसमें आपको अलग-अलग मुद्दों पर क़ुरआन में क्या कहा गया है, ये बताया जाएगा। तो आइये, सुनते हैं, क़ुरआन क्या कहता है।

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